गोण्डा: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की हाई पावर कमेटी और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत प्रभारी जनपद न्यायाधीश, गोण्डा परवेज अहमद के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोण्डा की सचिव सुषमा ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया, जिला कारागार गोण्डा से प्राप्त 104 अंतरिम जमानत संबंधी प्रार्थना पत्र, जिनमें बंदियों की अधिकतम सजा 7 साल तक है, उन पर विचारोपरान्त कुल 79 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर 60 दिन के अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है.
कोविड- 19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए 6 मई को अनुपम शौर्य, प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गोण्डा और अभिषेक कुमार सिंह, पंचम अपर सिविल जज (जू0डि0), गोण्डा द्वारा कुल 46 विचाराधीन बन्दी, 8 मई को विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पूर्वोत्तर रेलवे), गोण्डा एवं स्वप्निल पाण्डेय, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, गोण्डा द्वारा कुल 29 विचाराधीन बन्दी और दिनांक 10 मई को शालीन मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय गोण्डा द्वारा कुल चार विचाराधीन बन्दियों के अन्तरिम जमानत के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर रिहा किए गए. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया, निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर वे सक्षम न्यायालय में आत्म समर्पण करेंगे, अन्यथा उनके साथ विधिक कार्यवाही की जाएगी.
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