मसकनवा: गोंडा। जनपद के मनकापुर विकासखंड के जगन्नाथपुर- गडरही से निकली हुई सरयू नहर खंड 4 के जगदीशपुर रजवाहा की माइनर कट जाने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है. वही संबंधित विभाग के अधिकारियों को जब ग्रामीणों द्वारा फोन किया जाता है तो उनके फोन बजते तो जरूर हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता है. किसानों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. मोदी सरकार किसानों के प्रति अपना रुझान दिखाती है तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हैं. कोरी कल्पनाओं से परे सरकार के वादे सिर्फ दिखावे साबित हो रहे हैं. हकीकत इन वादों से काफी दूर है. माइनर के कट जाने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है.
दरअसल यह पहला मौका नहीं है कि इससे पहले भी गर्मियों के सीजन में नहर कटान से किसानों की फसल जलमग्न हो गई थी. साल में ना जाने कितनी बार नहर कटती है और किसानों की फसल जलमग्न होती है. किसान हताश होकर अधिकारियों के यहां चक्कर लगाता है, लेकिन नतीजा शून्य रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात नहर कट गई. रविवार सुबह जब किसान खेत पर गए तो देखा कि खेतों में पानी भरा था, जिससे धान की पौध डूब गई है. खेत तो खेत ही अब तो घरों में पानी भरने उम्मीद ज्यादा दिखने लगी विभागीय लोगों को फोन कर इसकी सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा है.
किसान नेबुलाल ने बताया कि नहर कटने से उनका खेत पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. धान की पौध पूरी तरह से खेत में डूब चुकी है.. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन समय पर इसे बंद नहीं किया गया है. उन्होंन बताया कि सुबह उठकर देखा तो पानी बह रहा था. रात में माइनर कटी है, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हुआ है.
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