इटावा: चंबल-यमुना के दोआबा में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आजाद हिन्द फौज की तर्ज पर बनी ‘लाल सेना’ के क्रांतिवीरों को चंबल फाउंडेशन द्वारा याद किया गया। फाउंडेशन द्वारा लाल सेना के कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की स्मृति में तिरंगा यात्रा निकालकर उनके समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में लाल सेना का पहला छापामार केंद्र बसरेहर ब्लाक के लोहिया गांव में आजादी आंदोलन के महानायको का स्मरण किया गया।
इस अवसर पर चंबल क्षेत्र में पेड़ों को बचाने के लिए 'लाल फीता अभियान' के तहत पेड़ों को तनों पर लाल फीता बांधकर उन्हें बचाने का संकल्प लोगों द्वारा लिया गया। इस मुहिम को लगातार औरैया, इटावा, बाह, जालौन, भिंड, मुरैना और धौलपुर में और गति दी जानी है। चंबल की बागी परंपरा में पेड़ों के योगदान को समझा जाना बहुत जरूरी है। इन्ही पेडों की छाँवों में कितने ही क्रांतिकारियों और बागियों ने पनाह ली है।
चंबल क्षेत्र में गुमनाम आजादी के योद्धाओं की कीर्ति रक्षा के लिए सक्रिय संगठन चंबल फाउंडेशन ने लोगों से अपील है कि यदि चंबल की गौरवशाली संस्कृति को बचाना है तो यहां के पेड़ों और पर्यावरण को बचाना निहायत जरूरी है। आजादी की हीरक जयंती के वर्ष में क्षेत्र के हरेक व्यक्ति को लाल फीता अभियान में बढ़चढ़कर भागीदारी करनी होगी ताकि पेड़ों को बचाया जा सके। पेड़ों को बचाने से ही मानव सभ्यता भी बच सकेगी।
इस अवसर पर बैचे लाल, चंद्रवीर सिंह चौहान, डॉ. कमल कुशवाहा, विजय बहादुर, डॉ. शाह आलम राना, बलवीर, मुहम्मद शकील खां, जीतू पाल, प्रेमचंद बाथम, बंटू चौहान, दिनेश सिंह, सर्वेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।
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