रविवार, 31 जनवरी 2021

चौरी चौरा फ‍िल्‍म समारोह के छठवें संस्‍करण की तैयारियां पूरी

- आजादी के मतवालों को समर्पित आयोजन में कई फि‍ल्‍मों का चयन
- तीन दिवसीय चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का होगा उद्घाटन

गोरखपुर : तीन दिवसीय छठवां चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आगामी दो फरवरी से शुरू हो रहा है। इसके लिए आयोजन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आयोजन समिति जगह-जगह दौरा कर चौरी चौरा शताब्दी समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां हो चुकी हैं। आयोजन के दौरान चौरी-चौरा जनविद्रोह की बलिदानियों के शौर्यगाथा को शिद्दत से याद किया जाएगा।
लंबे उत्पीड़न से तंग आकर फिरंगी हुकूमत के खिलाफ जनविद्रोह की ऐसी चिंगारी थी जिसने ब्रिटिश सरकार के 24 सिपाहियों को जिंदा जला कर खाक कर दिया था। चौरी चौरा प्रकरण में 273 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें 272 में से 228 पर अब्दुल्लाह व अन्य बनाम ब्रिटिश हुकूमत के नाम से मुकदमा चला था। क्रांतिकारी शहीद अब्दुल्लाह ब्रह्मपुर ब्लाक के राजधानी गांव के रहने वाले थे। लिहाजा ऐतिहासिक रूप से चर्चित राजधानी गांव में स्थित रामचंद्र यादव इंटर कालेज में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है।

चौरी चौरा एक्शन के महानायक भगवान अहीर और रूदली केवट अंग्रेजी सेना में रह चुके थे और असहयोग आंदोलनकारियों को प्रशिक्षित करते थे। नजर अली आला दर्जे के पहलवान थे जो चौरी चौरा जन विद्रोह के केन्द्र रहे डुमरी खुर्द में अखाड़ा चलाते थे। विक्रम अहीर और कोमल पहलवान थे। जन नायक का खिताब पाने वाले कोमल पहलवान ही जेल से भागने में सफल हो गए लेकिन मुखबिरी के बाद पकड़ में आ गए और 1924 के गर्मियों में फांसी दे दी गई।
तीन दिवसीय चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन शहीद विक्रम अहीर और नेऊर पहलवान की वंशज सोमारी देवी, शहीद रूदली केवट के वंशज राम वचन, शहीद नजर अली के वंशज आखिरूज्जमा, कोमल पहलवान के वंशज फौजदार सहित शहीद अब्दुल्लाह के वंशज संयुक्त रूप से करेंगे। उद्धाटन समारोह 1 बजे दिन में शुरू होगा। जिसमें विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आजादी आंदोलन की इस गौरवशाली विरासत को याद किया जाएगा। चौरी चौरा विद्रोह पर पहली पुस्तक लिखकर सरकारों का ध्यान आकर्षित करने वाले लेखक राम मूर्ति को सम्मानित किया जाएगा। फिल्मों के प्रदर्शन के लिए ओपन थियेठर बनाया जा रहा है। जिसमें चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस बार छठवे संस्करण की आयोजन समिति में अविनाश गुप्ता, राम उग्रह यादव, योगेन्द्र जिज्ञासु, धीरेन्द्र प्रताप, डॉ. गरिमा, डॉ. सुशील कुमार पांडेय, सुरेन्द्र कुमार, डॉ. धनंजय यादव, रूद्र प्रताप, पारसनाथ मौर्या, डॉ. शंभू निषाद, विजेन्द्र अग्रहरि, अमरजीत गिरी, सुनील तिवारी, हरगोविंद प्रवाह, अंकित कुमार, डॉ. राकेश आदि

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

‘महुआ डाबर एक्शन’ के जनविद्रोहियों को दी सलामी

शहीद स्थल महुआ डाबर, बस्ती।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर इतिहास कालखंड से भुला दिए गए महुआ डाबर एक्शन के रणबांकुरों को सलामी दी गई। क्रांतिवीर पिरई खां स्मृति समिति ने आयोजन कर जंग-ए-आजादी योद्धाओं को शिद्दत से किया। जहां भारतीय आजादी आंदोलन 1857 के महानायकों को समर्पित फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। आजाद भारत में महुआ डाबर एक्शन के महानायकों को बिसरा दिया गया। देश की सरकारों ने न तो महुआ डाबर के शहीदों की याद में न तो कोई स्मारक बनवाया और न ही स्थानीय जिला प्रशासन ने क्रांतिकारियों जुड़े इस गौरवशाली धरोहर को संरक्षित करने की कोई पहल की।  
आजादी आंदोलन में गुलामी की बेडियां तोड़ने और फिरंगियों से दो-दो हाथ करने के लिए यह पूरा इलाका एकजुट हो गया। धानेपुर स्टेट पिरई खां के नेतृत्व में लाठी-डंडे, तलवार, फरसा, भाला, किर्च आदि लेकर यहां के रहवासियों की टुकड़ी ने मनोरमा नदी पार कर रहे अंग्रेज अफसरों पर 10 जून 1857 को धावा बोल दिया। जिसमें लेफ्टिनेंट लिंडसे, लेफ्टिनेंट थामस, लेफ्टिनेंट इंगलिश, लेफ्टिनेंट रिची, लेफ्टिनेंट काकल और सार्जेंट एडवर्ड की मौके पर मौत हो गई थी। तोपची सार्जेंट बुशर जान बचाकर भागने में सफल रहा।
 उसने ही घटना की जानकारी वरिष्ठ अफसरों को दी। इस क्रांतिकारी घटना से ब्रिटिश सरकार हिल गई। आखिरकार 20 जून 1857 को पूरे जिले में मार्शल ला लागू कर दिया गया था। 3 जुलाई 1857 को बस्ती के कलक्टर पेपे विलियम्स ने घुड़सवार फौज की मदद से महुआ डाबर गांव को घेरवा लिया। घर-बार, खेती- बारी, रोजी- रोजगार सब आग के हवाले कर तहस- नहस कर दिया गया। इस गांव का नामो निशान मिटवा कर ‘गैरचिरागी’ घोषित कर दिया। यहां पर अंग्रेजो के चंगुल में आए निवासियों के सिर कलम कर दिए गए। 
इनके शवों के टुकड़े-टुकड़े करके दूर ले जाकर फेंक दिया गया। इतना ही नहीं अंग्रेज अफसरों की हत्या के अपराध में क्रांतिकारी नेताओं का भेद जानने के लिए गुलाम खान, गुलजार खान पठान, नेहाल खान पठान, घीसा खान पठान व बदलू खान पठान आदि क्रांतिकारियों को 18 फरवरी 1958 सरेआम फांसी दे दी गई थी।
महुआ डाबर एक्शन के साथ देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले ज्ञात-अज्ञात बलिदानियों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक अदिल खान के साथ गौहर अली, संगम कुमार, एजाज अहमद, अरविंद, नासिर खान, दिलशाद अहमद, अतीक अहमद, सुजीत कुमार, आलम.,सादिक, ह्दयनाथ, सूफियान अंसारी, मूलचंद, नुरूल हसन ने अपनी बात रखी।

रविवार, 24 जनवरी 2021

26 जनवरी को स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरों की याद में आयोजित होगी प्रदर्शनी

बस्ती: शहीदों की याद में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन महुआ डाबर में स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरों की याद में सलामी व फोटो प्रदर्शनी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। क्रांतिवीर पिरई खा स्मृति समिति के स्थापक व कार्यक्रम के संयोजक आदिल खान ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर आयोजन किया जा रहा है।
क्रांतिवीर पिरई खा भारतीय जंग ए आज़ादी आंदोलन के महान योद्धा रहे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम मे उनकी एक आवाज पर हजारों लोग निकल पड़ते थे। उनकी अगुवाई में हुए सशस्त्र संघर्ष को महुआ डाबर एक्शन के नाम से जाना जाता है। जिसका उल्लेख बस्ती गैजेटियर में भी मिलता है।

रविवार, 17 जनवरी 2021

भारतीय किसान यूनियन ने किया मासिक बैठक

भोपतपुर गोण्डा: किसानो के समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के कैंप कार्यालय हुआ बैठक जहाँ बैठक का संचालन कर रहे जिला सचिव सतीश वर्मा ने संगठन की मजबूती और अनुशासन पर बल दिया।
वही जिला अध्यक्ष दीपक वर्मा ने कहा कई किसानो की शिकायत आ रही है कि बभनान चीनी मील पर गन्ने की घटतौली की जा रही है। जिसपर संगठन जल्द ही उचित कदम उठाएगा। जिला महामंत्री लवकुश कुमार ने कहा कि क्षेत्र के किसानो का लगभग करोड़ों रुपए चीनी मील ने अभी तक भुगतान नहीं किया है।  
औऱ अगर चीनी मील जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं करती तो  यूनियन धरना प्रदर्शन करने को बाधित होगा। मुख्य अतिथि के रूप में आये मंडल उपाध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा बहराइच जनपद के मिहींपुरवा एफसीआई गला केंद्र पर धान तौलाने हेतु पूछताछ करने गए किसान ओम प्रकाश के साथ केंद्र के कर्मचारी द्वारा अभद्रता की गई है जिसकी शिकायत पीड़ित किसान द्वारा उप जिलाधिकारी मोतीपुर से की गई है। जिस पर यदि जल्दी उचित कार्यवाही नहीं की जाती तो भारतीय किसान यूनियन बहराइच जिला अधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने को बाधित होगा। बैठक में दिलीप यादव , राजकुमार, राजकिशोर , अखिलेश , मैनुद्दीन खान सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे।

शनिवार, 16 जनवरी 2021

मकर सक्रांति के शुभअवसर हुआ खिचड़ी भोज का आयोजन

बभनान गोण्डा :मकर संक्रांति के अवसर पर विद्यार्थी जनकल्याण इंटर कॉलेज लक्ष्मी नगर ग्रांट में सामाजिक समरसता व खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रतिभाग कर खिचड़ी भोज का आनंद लिया। इस दौरान एक बिचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। 
आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राम विशुन आजाद ने कहा कि मकर संक्रान्ति के पर्व पर खिचड़ी भोज का विशेष महत्व है। यह सामाजिक समरसता के साथ साथ सम्पन्नता का भी प्रतीक है।

 कार्यक्रम के आयोजक वरिष्ठ सपा नेता व पूर्व सदस्य एससी एसटी आयोग संजय विद्यार्थी ने कहा कि मकर संक्रांति पर जगह-जगह आयोजित होने वाली खिचड़ी सह भोज समाज में छुआछूत ऊंच नीच का भेदभाव दूर करके भाईचारा स्थापित करता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सपा नेता अंबुज त्रिपाठी व सुशील पांडे ने मंचासीन लोगों द्वारा कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण किया गया।
वही खोडरे के घारीघाट में भी नवयुवक मंगल दल द्वारा खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। दल के अध्यक्ष अरुण कुमार पटेल  ने बताया कि हर साल खिचड़ी भोज का आयोजन किया जाता है। इस भोज में सर्व प्रथम गरीब परिवारों से उदघाटन करा कर खिचड़ी भोज की शुरुआत होती हैं। एवं उनके पूरे साल का खर्च का जिम्मेदारी ली जाती हैं। इस अवसर पर जीतू निषाद, सपा जिला अध्यक्ष बस्ती महेंद्र यादव,पहलवान तिवारी, बिक्की मिश्रा, अशोक सिंह, संजय कनौजिया, राधेश्याम जायसवाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

गुरुवार, 14 जनवरी 2021

अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष ने वितरित किया कम्बल

मसकनवा गोण्डा : कड़ाके की ठंड व शीतलहर को देखते हुये अपना दल एस गोण्डा के जिलाध्यक्ष राकेश वर्मा ने गरीबों व असहाय लोगों को राहत देने के लिए कम्बल वितरण किया। बुधवार को विकास खंड छपिया के अपने आवास तालागंज ग्रंट में जिलाध्यक्ष ने गरीबों को कंबल वितरित कर उन्हें राहत पहुंचाई। शीतलहर को देखते हुए जिला अध्यक्ष ने गरीब बुजुर्गों, महिलाओं व विधवाओं को कबंल वितरित किया। 

कंबल पाकर गरीबों के चेहरे पर खुशी चमकने लगी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। 
गरीब असहाय लोगों की हर व्यक्ति को मदद करनी चाहिए। 
इस काम के लिए हर किसी को आगे आना चाहिए। इस मौके पर त्रिभवन वर्मा, विजय वर्मा, प्रिंस वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

रविवार, 10 जनवरी 2021

चंबल मैराथन की तैयारियों का प्रदेश प्रभारियों ने लिया जायजा


- चंबल नदी से यमुना नदी तक ‘चंबल मैराथन प्रतियोगिता’ का आयोजन
- गौरवशाली विरासत वाले चंबल घाटी में विकास की गंगा बहाने का आहवान

इटावा : चंबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित चंबल मैराथन की तैयारियों का उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रभारियों ने जायजा लिया। आगामी 14 जनवरी को सुबह आठ बजे से इटावा जनपद स्थित चंबल नदी से यमुना नदी तक ‘चंबल मैराथन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जा रहा है। इस मैराथन का प्रारंभ खेड़ा अजब सिंह गांव के नजदीक चंबल वैली वर्ड वाचिंग एंड क्रोकोडाइल रिसर्च सेंटर से शुरू होगा। समापन उदी मानिकपुर बाईपास, यमुना नदी तट पर होगा। चंबल फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रही ‘स्प्रिट चंबल’ और ‘रन फॉर बेटर चंबल’ जैसी मुहिम से चंबल नदी घाटी क्षेत्र का परिदृश्य और पहचान बदल सकेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रभारी और राष्‍ट्रीय खिलाड़ी राहुल तोमर ने कहा कि चंबल-यमुना का दोआबा का यह इलाका आजादी आंदोलन में कंपनीराज के खिलाफ अंग्रेजों की सबसे बड़ी चुनौती बना रहा हैै। आजाद हिंद फौज की तर्ज पर बनाई गई 'लाल सेना' के कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया और चंबल के रणबांंकुरों से ब्रिटिश सरकार घबरा गई थी। ‘नर्सरी आफ सोल्जर्स’ के नाम से सुविख्यात चंबल वह क्षेत्र है जहां के लोग देश के लिए बलिदान हो जाने के जुनून के चलते सबसे ज्यादा संख्या में सेना और अन्य बलों में बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं। इस बड़े क्षेत्र में शांति के दिनों में भी किसी न किसी गांव में सरहद पर तैनात किसी जवान को तिरंगे में लपेटकर लाया जाता है। 
मध्य प्रदेश के प्रभारी और अरसे से चंबल पर्यटन के रूह-ए-रवा राधे गोपाल यादव ने कहा कि गौरवशाली विरासत वाले चंबल घाटी में बिना देर किए उसकी प्राकृतिक संरचनाओं को सहेजते हुए प्रगति की गंगा बहाई जाए। चंबल क्षेत्र के युवाओं की शिक्षा, ऊर्जा और आवेश को रचनात्मक धरातल प्रदान करते हुए सृजनात्मक उपयोग होना आवश्यक है। बीहड़ी इलाके के लिए विशेष पैकेज जारी हों। चंबल के उपेक्षित स्थलों को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र से जोड़कर घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाओं की राह खोली जाए।
राजस्थान के प्रभारी पुखराज बैरवा कहा कि चंबल मैराथन घाटी की सांस्कृतिक ऊर्जा से विश्व को संदेश देगा कि चंबल अब देश दुनिया के साथ कदमताल करने को बेताब है। चंबल मैराथन में आस-पास के जिलों के खिलाड़ी दौड़ में प्रतिभागी बनेंगे। मैराथन के बाद उन्हें चंबल फाउंडेशन की तरफ से पुरस्कृत किया जाएगा। रविवार को चंबल फाउंडेशन के बोर्ड मेंबर प्रदीप यादव एडवोकेट, डॉक्टर कमल कुमार कुशवाहा, शाह आलम, शशिकांत दीक्षित, गगन शर्मा आदि मौजूद रहे।

16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल संपन्न, ऐतिहासिक रहा आयोजन

  अवाम का सिनेमा - कई देशों की फिल्मों का प्रदर्शन - अन्य कई कार्यक्रम भी हुए आयोजित अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्म...