शनिवार, 12 नवंबर 2022

16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल संपन्न, ऐतिहासिक रहा आयोजन

 अवाम का सिनेमा

- कई देशों की फिल्मों का प्रदर्शन
- अन्य कई कार्यक्रम भी हुए आयोजित

अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्ला खां की स्मृति में उत्तर प्रदेश का पहला और चर्चित दो दिवसीय 16वां अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल सम्पन्न हो गया। फेस्टिवल कई मायनों में। ऐतिहासिक रहा। फेस्टिवल में सिनेमा और साहित्‍य जगत की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बेनीगंज के सभागार में हुए फेस्टिवल में सरोकारी फिल्मों का प्रदर्शन, फोटो एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी, सेमीनार, नाटक, पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता, फैशन शो, पुस्तक प्रदर्शनी, फिल्म मेकिंग वर्कशॉप प्रतियोगिताएं हुईं और इनके विजेताओं को पुरस्कार वितरण किये गए। इस दौरान सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का गवाह बना।

- देश विदेश से बढ़िया रेस्पॉन्स
ज्यूरी चेयरमैन प्रोफेसर मोहन दास बताया कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल को देश- विदेश में बहुत बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। अंटार्कटिका फेम साइंसटिस्ट प्रोफेसर जसवंत सिंह ने कहा कि अवाम का सिनेमा मूवमेंट की तरह तेजी से लोकप्रिय हो रहा। आज दर्शक सिनेमा से नई नई जानकारियां हासिल कर रहे हैं।
समापन समारोह का संचालन फिल्म अभिनेता रफी खान ने किया। तमिल अभिनेता आर के सुरेश ने अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार मेरे लिए और सरोकारी जिम्मेदारी का एहसास कराएगा। अध्यक्षता कर रहे आईटीआई के प्राचार्य इंजीनियर वी के बाजपेयी ने कहा कि काकोरी नायकों की नगरी से मेरा वास्ता है। आगामी दिनों में इस सभागार का सौंदर्यकरण कर अगले वर्ष फेस्टिवल को और भव्यता के साथ किया जाएगा। पहले दिन के अतिथि शहीद अशफाक उल्ला खां के प्रौत्र शदाब उल्ला खान, फिल्म प्रोडयूसर राजेश कुमार जायसवाल, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज राहुल तोमर, फिल्म निर्देशक मुकेश वर्मा, फिल्म निमात्री साधना मादावत जैन ने उद्धाटन समारोह को संबोधित किया।

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि इस बार भारत, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, मैसेडोनिया, युगोस्लाविया, जापान, कनाडा, चीन, ताइवान, डेनमार्क, रसियन फेडरेशन, जर्मनी सहित 23 देशों से कुल फिल्में 267 प्राप्त हुई थीं, जिनमें से चयनित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इस बार के निर्णायक मंडल में फिल्म निर्माता-निर्देशक और लेखिका चारू शर्मा, संपादक और फिल्म समीक्षक महुआ मजूमदार, फ़िल्म समीक्षक, पत्रकार और लेखक संजय वर्मा 'साजन', फिल्म निर्देशक और ज्यूरी चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. मोहन दास शामिल थे।


इन फिल्मों को मिले अवॉर्ड
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का अवार्ड काकोली के राम के निर्देशक अमित राय को मिला। सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म का पहला अवार्ड विसिथिरन के निर्माता भास्करन, सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म को दूसरा अवार्ड फिल्म मौर्या के निर्देशक जितेंद्र बर्डे, बेस्ट एक्सपेरीमेंटल फिल्म का पहला अवार्ड बन्नी के निर्माता शंकर धुरी, बेस्ट एक्सपेरीमेंटल फिल्म का दूसरा अवार्ड से इट थ्रीस के निर्देशक कौतुक सक्सेना को नवाज गया। वहीं एक्सपेरीमेंटल फिल्म रनर अप का अवार्ड अनलॉक 7 के लिए निर्माता नसीम अहमद खान, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का अवार्ड पिंजरे की तितली के निर्देशक आशीष नेहरा, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड अभिनेता आरके सुरेश को विसिथीरन फिल्म के लिए, सर्वश्रेष्ठ स्पॉटिंग एक्टर का अवार्ड अभिनेता उमेश जगताप को मौर्या फिल्म के लिए मिला। बेस्ट स्टोरी का खिताब लेखक निर्देशक दीपक गर्ग को मेरी चिड़िया के लिए, सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म ताम के निर्देशक विश्वनाथ तिवारी और गौरव सिंह, सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र बीबी लाल: डोयन ऑफ इंडियन आर्केलाजी के निर्देशक डॉ. रमादेवी शेखर, सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म एक्सटेंडेड वारंटी के निर्देशक गौतम रचिराजू, विशेष जूरी पुरस्कार अभिनय जजमेंट फिल्म के लिए अभिनेता शक्ति मिश्रा और विशेष जूरी पुरस्कार 'अम्मा भाई कब मरेगा' फिल्म के लिए निर्माता जीपी श्रीवास्तव को ट्राफी दी गई। सर्टिफिकेट और ट्रॉफी फेस्टिवल के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना, प्रोफेसर जसवंत सिंह, प्रोफेसर मोहनदास, प्रोफेसर शाह अयाज सिद्दीकी के हाथों से प्रदान किया गया। फिल्म अभिनेत्री गीता सरोहा अवार्ड समारोह में मौजूद रहीं।

ये कार्यक्रम भी हुए
अशफाक-बिस्मिल सभागार में ‘आजादी के नायक’ विषय पर पेंटिग तो वहीं ‘अवाम का सिनेमा’ थीम पर रंगोली प्रतियोगिता हुई। जिसमें स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालय व अन्य कलाकारों ने अपना हुनर दिखाया।

अवधी लोक समूह, फैशन शो, कबीर बैंड की प्रस्तुति दिल को छू गई। रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता के संयोजक एसबी सागर प्रजापति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रभारी के रूप में आशीष अग्रवाल ने जिम्मेदारी निभाई। अवधी लोक कला प्रोत्साहित करने के लिए मुकेश कुमार और अयोध्या की सरजमीं से संत कबीर का संदेश देने वाले सुशील को विशेष गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में चर्चित कला निदेशक
एसबी सागर प्रजापति के संयोजन में 300 कला साधकों द्वारा भव्य पोस्टर पेंटिंग एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के बाद निर्णायक मंडल में डॉ पंकज कुमार यादव, इमरान खान, गया प्रसाद आनन्द व पीयूष श्रीवास्तव द्वारा मूल्यांकन के उपरान्त परिणाम घोषित किया गया जिसमें पेंटिंग हेतु सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान सिपाली कनौजिया, द्वितीय स्थान आशीष कुमार, तृतीय स्थान रिद्धिमा गुप्ता और जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान शौर्य प्रताप सिंह, द्वितीय स्थान प्राची तिवारी, तृतीय स्थान ऋतिक अग्रवाल तथा प्राइमरी वर्ग में प्रथम मेहडीया जहरा, द्वितीय स्थान अमित राज, तृतीय स्थान शिप्रा वैश्य को मेडल पुरस्कार व प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया इसी प्रकार रंगोली प्रतियोगिता का परिणाम कॉलेज ग्रुप के रूप में घोषित किया गया जिसमें प्रथम स्थान ग्रुप द कैंब्रियन स्कूल, द्वितीय स्थान ग्रुप अयोध्या एकेडमी एवं तृतीय स्थान ग्रुप टी पब्लिक स्कूल को एवं सांत्वना पुरस्कार के रूप में ग्रुप सेंट मेरिज हायर सेकेण्डरी स्कूल को पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया तथा अन्य सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता हेतु प्रमाण पत्र अयोध्या फिल्म फेस्टिवल समिति द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर जनार्दन पांडेय बबलू पंडित, अंकित श्रीवास्तव, कोमल मिश्रा, विनोद भारती, विभाकर पांडेय, अंकित कुमार, आदिल खान आदि का सहयोग रहा।

सोमवार, 17 अक्टूबर 2022

पुण्यतिथि पर पूर्वक याद किए गए डॉ. सोने लाल पटेल


मसकनवां: अपना दल एस इकाई गोंडा ने दल के संस्थापक एवं किसान, कामगार, शोषित, वंचित समाज के जीवन पर्यन्त प्रबल समर्थक रहे डॉ. सोने लाल पटेल का परिनिर्वाण दिवस पार्टी कार्यालय मसकनवा में श्रद्धा पूर्वक मनाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तेजबली सिंह राष्ट्रीय सचिव एवं शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय लखनऊ ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए बताया कि डॉo पटेल ने अपनी युवावस्था से ही समाज में व्याप्त सामाजिक असमानता और जातिगत शोषण के खिलाफ अपनी राजनीतिक लड़ाई शुरू किया और उन्होंने आजीवन उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य तमाम प्रांतों में किसान कामगार मजदूर वर्ग के लोगों के बीच जाकर उनको जगाने का कार्य किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सदस्य जिला पंचायत अभिमन्यु पटेल ने संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल से जुड़ हुई अविस्मरणीय यादों को साझा करते हुए उनके संघर्षों को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोण्डा जिलाध्यक्ष राकेश वर्मा व संचालन राम दीन वर्मा ने किया। 
इस अवसर पर पार्टी वरिष्ठ नेता व उदय भान पांडेय, पृथु जायसवाल, राघव राम वर्मा, परशुराम वर्मा, अमर सिंह पटेल, राम धनी भारती, रवि वर्मा, राम जी मौर्य, वीरेंद्र कनौजिया, आफताब अहमद पप्पू, राज किशोर चौधरी, शिव कुमार चौधरी, गिरिजेश पटेल, सहित अन्य तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2022

चकरनगर के ये बीहड़ी गांव बन रहे शैक्षणिक-सांस्कृतिक केंद्र, ऐसे हो रहा बदलाव

 चकरनगर: बिलौड़ और चौरैला के बीहड़ शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र बनते जा रहे हैं. एक दशक पहले इन बीहड़ों का नाम सुनते ही लोग कांप जाया करते थे. दिन के उजाले में स्थानीय भी यहां जाने से कतराते थे. इन भरखों में तमाम कुख्यात दस्युओं का साम्राज्य रहा है जो यहीं से अपनी हुकुमत चलाते रहे हैं. जहां कभी गोलियों की तड़तड़ाहट, चीखें और बारूदों की गंध थी. वहीं अब नौनिहालों के खेलकूद की आवाजे यहां की फिजाओं में तैर रही है. त्रासदी ही कही जा सकती है यह पूरा अंचल हर तरह से पिछड़ गया. अब बदली परिस्थियों में यहां की ताजा आबो हवा में आवाजाही शुरू हुई है. चंबल आश्रम अपने आयोजनों से यहां बदलाव की ऐतिहासिक इबारत लिख रहा है.

चंबल आश्रम, हुकुमपुरा ने विश्व अहिंसा दिवस को यादगार बनाया. इस दौरान संविधान मित्र आदिल खान ‘बच्चों के अधिकार’ विषय पर मौलिक अधिकार बताते हुए कि बच्चों के अधिकारों का संदर्भ लेते हुए कहा कि उचित माहौल से बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और नैतिक विकास होगा. इसी दौरान बच्चों का कौशल उभारने के लिए विभिन्न गतिविधियां की गई. जिसमें बीहड़ में मौजूद संसाधनों से आशु कृतित्व प्रतियोगिता में पांच वर्ष से 14 वर्ष के लड़कियों ने दस मिनट में मनमोहक आश्चर्यचकित करने वाली कलाकृतियां बनाई. जैसे मूंज और दाब से बने मोर, सांप, तोता, झाड़ू, रस्सी, छाता, जूना आदि उकेरा. वहीं लड़कियों ने लोकनृत्य कर आजादी की सांस ली.     

बीहड़ों के बीचो-बीच चंबल क्रिकेट क्लब और रामपुरा क्रिकेट क्लब के बच्चों के बीच आठ ओवर का क्रिकेट मैच हुआ. क्रिकेट मैच का उद्घाटन चंबल परिवार के संयोजक चन्द्रोदय सिंह चौहान ने किया. रामपुरा क्रिक्रेट क्लब विजयी रही. मैन आफ द मैच सन्नी रहे. आयोजन समिति की तरफ से विजेता और उप विजेता टीम को ट्राफी प्रदान की गई.

चंबल अंचल में आई भयानक बाढ़ और बारिश दिनों में यहां के बीहड़ी गांव टापू बनकर अलग-थलग हो जाते हैं. लिहाजा बाढ़ पीड़ित नौनिहालों को विविधत पढ़ाने का कार्य शुरू किया था. जिसे नाम दिया गया ‘चंबल विद्यापीठ’. चंबल विद्यापीठ निःशुल्क तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है. कुख्यात दस्यु प्रभावित रहें इन बीहड़ी गांवो में विविध शिक्षा तकनीक-कौशल के जरिए चंबल विद्यापीठ एक प्रकाशपुंज बन रहा है. पढ़ाई लिखाई में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को आयुर्वेद पर्यटन के नोडल अधिकारी डॉ. कमल कुमार कुशवाहा ने पुरस्कृत किया. इस दौरान क्रांतिकारी दस्तावेजी लेखक डॉ. शाह आलम राना, शरद प्रकाश, देवेन्द्र सिंह, विनोद सिंह गौतम, धर्मेंद्र भाटिया सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे.

शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

ब्लॉक संसाधन केंद्र पर प्रधान एवं प्रधानाध्यापकों का ब्लाक स्तरीय संगोष्ठी सपन्न

मसकनवा(गोंडा) ग्राम प्रधान एवं प्रधानाध्यापकों का ब्लाक स्तरीय संगोष्ठी एवं उन्मुखीकरण संगोष्ठी ब्लॉक संसाधन केंद्र पर आयोजित किया गया । मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख अनिल कुमार पासवान व विशिष्ट अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह, खण्ड विकास अधिकारी छपिया राम प्रवेश ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में डी.बी.टी निपुण भारत मिशन ,

आपरेशन कायाकल्प एवं दीक्षा एप पर चर्चा किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि विद्यालयों का कायाकल्प ग्राम प्रधान के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने अध्यापकों से विद्यालयों के कायाकल्प कार्यों का संरक्षण करने का आह्वान किया। संगोष्ठी को ब्लाक प्रमुख छपिया अनिल कुमार पासवान, खण्ड विकास अधिकारी राम प्रवेश ने संबोधित किया। अध्यक्षता खण्ड शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार सिंह व संचालन गया लाल यादव ने किया। पूरन चन्द गुप्ता प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसकनवा, राज मंगल पांडेय, जगन्नाथ तिवारी, ऋषि तिवारी, अनिल सिंह, पवन दीक्षित, ओम प्रकाश, मनोज सिंह, संदीप सिंह, आनंद
त्रिपाठी आदि ने बीएसए को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर 19पैरामीटर पूरा करने वाले बीस ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया। ग्राम प्रधान जक्शन तिवारी, सालिक राम यादव, राजमणि चौहान, हेमूसिंह, अवनीश प्रताप सिंह, रिंकू वर्मा, श्याम बाबू गुप्ता, मो. हसन, एआरपी राम बाबू मौर्य, बलराम वर्मा, प्रहलाद गुप्ता, अमजद अली,ओम प्रकाश पांडेय, कुलदीप सिंह, शिक्षक माधुरी वर्मा, रेखा वर्मा, श्रद्धा पांडेय, स्वदेश मिश्रा, अरिदमन तिवारी, ओम प्रकाश पांडेय, सीमा तिवारी, फूलमती, राधेश्याम पांडेय, राधेश्याम वर्मा, बब्लू वर्मा, आलोक पांडेय, अमरेन्द्र पांडेय, अतुल मालवीय, विवेक तिवारी, महेश्वरी, असगर अली,आनंद कुमार, आदि प्रधान गण व शिक्षक मौजूद रहे। 

सोमवार, 26 सितंबर 2022

‘बुक लैंड’ बन रही है ‘चंबल घाटी’

चंबल संग्रहालय की बौद्धिक संपदा में और होगा इजाफा

चौथे स्थापना दिवस पर लिया गया संकल्प

हर महीने पुस्तक प्रकाशन का लक्ष्य

राष्ट्रवादी पत्रकारिता के अग्रदूत को किया गया याद


इटावाः चंबल संग्रहालय के चौथे स्थापना दिवस और आजादी का अमृत काल में सुविख्यात लेखक, राष्ट्रवादी पत्रकारिता के अग्रदूत, आजादी आंदोलन के महान लड़ाका, सांप्रदायिक सद्भाव के प्रबल समर्थक रहे कर्मवीर पं. सुंदरलाल को जन्म दिवस पर शिद्दत से याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि पंडित जी इतिहासकार, बहुभाषाविद और दुनिया के तमाम धर्मों के व्याख्याकार थे। पद, पैसा और प्रलोभन से हमेशा दूर उनकी शख्सियत बड़ी बेजोड़ थी। बाबा सुंदरलाल चंबल की माटी से आखिरी समय तक जुड़े रहे।

                                    जन्मदिवस पर राष्ट्रवादी पत्रकारिता के अग्रदूत को नमन करते हुए

सुंदरलाल ने साप्ताहिक उर्दू स्वराज, कर्मयोगी, दैनिक भविष्य और नया हिन्द का संपादन कर पत्रकारिता के वकार को जिन्दा रखा, जिसके लिए कई बार कठोर जेल यातनाएं सही। भारत में अंगरेजीराज पुस्तक लिख बिट्रिश सरकार की चूले हिला देने वाले सुंदरलाल जबरदस्त वक्ता भी थे लिहाजा वर्ल्ड पीस काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट की हैसियत से चीन, वियना, कैरो, मास्को, स्टाकहोम, कोलंबो, बर्लिन, लंदन, टोक्यो, वियतनाम, क्यूबा, सोवियत रूस आदि देशों के राष्ट्र प्रमुखों द्वारा आमंत्रित किये गये। हो- चि- मिन्ह, माओ त्से तुंग, फिदेल कास्त्रो, खुश्चोव कर्मयोगी सुंदरलाल को अपना बड़ा भाई और आदर्श मानते थे।

                         चंबल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें दिखाते संग्रहालय से जुड़े पदाधिकारी

चंबल संग्रहालय के चौथे स्थापना दिवस पर संस्थापक डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि चंबल घाटी ने विश्व भर के शोधार्थियो को अपनी ओर आकर्षित किया है। चंबल संग्रहालय के लिए और भी शोध सामग्री तलाश की जा रही है। संग्रहालय समाज में बिखरे अमूल्य ज्ञान स्रोत सामग्री सहेजने के मिशन में जुटा है, जहां से भी बौद्धिक संपदा मिलने की रोशनी दिखती है, संग्रहालय उन सुधी जनों से संपर्क कर रहा है। उन्होंने कहा कि चंबल अंचल से जुड़े इटावा, औरैया, जालौन, बाह, भिंड, मुरैना और धौलपुर से जुड़े दुर्लभ दस्तावेज, लेटर, गजेटियर, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिका, पुस्तकें, तस्वीरें, पुरस्कार, सामग्री-निशानी, अभिनंदन ग्रंथ, पांडुलिपि को सहेज रहा है। चंबल अंचल में सघन अभियान चलाकर चंबल संग्रहालय की ऐतिहासिक महत्व की बौद्धिक संपदा में बढ़ोत्तरी जारी है। एकत्र संग्रहित समृद्ध ज्ञानकोष को उसी अनुपात में शोधार्थियों के लिए प्रकाशन करने का संकल्प लिया गया।


चंबल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें :                                                                 

मातृवेदीःबागियों की अमरगाथा, बीहड़ में साइकिल, चंबल मेनीफेस्टो, आजादी की डगर पे पांव, कमांडर-इन-चीफ गेंदालाल दीक्षित, बंदूकों का पतझड़, मेरी जेल कहानी, कोरोना कारावास में युवा संघर्ष, बागी सम्राटः मान सिंह से लुक्का तक, भारत छोड़ते हुए छाती फट गई, चंबल पर्यटन।


ऐसे शुरू हुआ चंबल संग्रहालय का सफरः


क्रांतिकारी लेखक डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि देश के सबसे बड़े गुप्त क्रांतिकारी दल ‘मातृवेदी’ के शताब्दी वर्ष के दौरान 2800 किलोमीटर से अधिक चंबल संवाद यात्रा साइकिल से की थी। इसी शोध यात्रा के दौरान चंबल संग्रहालय का ख्वाब बुना गया। लिहाजा पांच नदियों के संगम, पंचनदा पर 25 मई 2017 को ‘चंबल जनसंसद’ का आयोजन किया गया था। जनसंसद में निकली जनसमस्याओं को राज्यों और केन्द्र सरकार के सामने रखा गया और चंबल संग्रहालय बनाने की मांग की गयी। सरकारी उपेक्षा से आजिज आकर 9 जून 2018 को अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस पर चंबल अंचल के जनसरोकारी लोगों के सामने सामाजिक सहयोग से चंबल संग्रहालय बनाने की मुहर लगी। 26 सितंबर 2018 को चंबल संग्रहालय का विधिवत उद्धाटन हुआ। कर्मयोगी सुंदरलाल के जन्मदिवस पर चन्द्रोदय सिंह चौहान, डॉ. कमल कुमार कुशवाहा, मधुकर वर्मा, विशाल कुमार, सचिन कुमार नें उन्हें नमन करते हुए बात रखी।

रविवार, 25 सितंबर 2022

हकीकुल्लाह चौधरी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया

बभनजोत गोण्डा: विश्व फर्मासिस्ट दिवस प्रत्येक वर्ष 25 सितम्बर को मनाया जाता है,प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हकीकुल्लाह चौधरी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में मनाया गया , इस वर्ष विश्व फर्मासिस्ट दिवस का थीम "फार्मेसी यूनाइटेड इन एक्शन फ़ॉर हेल्दीयर वर्ल्ड " था ,आज इस दिन की शुरुवात बच्चों ने रैली निकाल कर किया , रैली का शुरुवात हकीकुल्लाह ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन मो कमाल चौधरी ने फीता काट कर किया ,रैली के माध्यम से समाज मे जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया ,कॉलेज के निदेशक डॉ. जावेद अख्तर ने छात्रों को अपने संबोधन में उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के रूप में फार्मासिस्ट की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रणाली और फार्मास्युटिकल उद्योगों के वर्तमान परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में सोचने और कल्पना करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी चर्चा की कि कैसे एक फार्मासिस्ट रोगी और सुरक्षित और प्रभावी दवाओं के बीच सेतु है और इसलिए एक जीवन रक्षक है। अंत में उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।


फार्मासिस्ट दिवस पर कई और वरिष्ठ शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए। विचार साझा करने के क्रम में क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की के डीन प्रो0 संतोष कुमार वर्मा ने "रोल आफ फार्मासिस्ट इन ग्लोबल हेल्थ केयर" पर अपने विचारों को साझा किया। इस अवसर पर समस्त छात्र छात्राओं ने मिलकर एकल गीत,पोस्टर प्रेजेंटेशन, ओरल प्रेजेंटेशन, रंगोली प्रतियोगिता में भाग लिया, कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित प्रवक्ताओं में अल्तमस खान ,अरविंद कुमार, सत्यप्रकाश शुक्ला ,अंकित कुमार सिंह, मधुकर प्रभाव ,शुभम शुक्ला ,अबू ताहिर, नुरुल हुदा ,कमलेश मिस्त्री परवेज अहमद खान, कोमल गुप्ता , हबीबुर्रहमान विपुल कुमार ब्रिजमती आदि लोग उपस्थित रहे,।

विश्व फार्मासिस्ट दिवस के मौके पर वृद्धाश्रम में बांटा फल, मिठाई व खाद्य सामग्री

गोण्डा: रविवार को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर फार्मेसी एण्ड फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुमित मोदनवाल मोनू की अध्यक्षता में वृद्धाश्रम में फल, मिठाई व खाद्य सामग्री वितरण व टाउन हॉल में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया! इस मौके मौके पर मुख्य अतिथि ड्रग इंस्पेक्टर गोण्डा श्रीमती रज़िया बानो व विशिष्ट अतिथि के रूप में फार्मेसी एण्ड फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश संगठन मंत्री नौशाद खान व राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रभाकर पाण्डेय मौजूद रहे! मुख्य अतिथि ड्रग इंस्पेक्टर श्रीमती रज़िया बानो ने कहा कि मानव सेवा से बढ़कर कोई कार्य नहीं है। उन्होंने संगठन के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इसी तरह ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। प्रदेश संगठन मंत्री नौशाद खान ने बताया कि हर साल 25 सितंबर को  विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य दुनिया भर के सभी फार्मेसिस्ट को धन्यवाद देना एवं लोगों के बीच उनके कार्यों को उजागर करना और बताना कि वह हमारे जीवन को स्वस्थ रखने के लिए एवं अनेक बीमारी को दूर करने के लिए उनका कितना महत्व है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रभाकर पांडे ने बताया कि कोविड-19 में जिस प्रकार से फार्मासिस्ट का सेवा रहा है उसको देखते हुए विश्व पटल पर फार्मेसिस्ट को सरकार को ध्यान में रखते हुए पहुंचाना चाहिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फार्मासिस्ट की भर्ती स्वास्थ्य केंद्रों पर होनी चाहिए

इस मौके पर डीपीए जिलाध्यक्ष सालिकराम त्रिपाठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शहजाद अली, ज़िला उपाध्यक्ष वैभव श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष निरंजन सैनी, मीडिया प्रभारी, सुधांशु मिश्रा, सुजीत गुप्ता, ज़िला महासचिव संदीप यादव, निरंकार शुक्ला, सोनू पाण्डेय, अजय गुप्ता, प्रभात कनौजिया, बृजेश यादव, त्रिभुवन वर्मा, रोशन लाल,  राम बाबू राम सहित सैकड़ों फार्मासिस्ट मौजूद रहे।

बुधवार, 24 अगस्त 2022

के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का पोस्टर रिलीज, 3 सितंबर से दिखाई जाएंगी देश-दुनिया की फिल्में

इटावा: महान फिल्म निर्देशक के. आसिफ की स्मृति में आयोजित होने वाले छठवें चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का पोस्टर रिलीज कर दिया गया है। इटावा जिला मुख्यालय स्थित प्रेस क्लब भवन में इसे आयोजन समिति ने जारी कर दिया गया। फिल्म फेस्टिवल के छठे वर्ष की थीम चंबल में सिनेमा और पर्यटन को रखा गया है।

पोस्टर जारी करते हुए राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्यामपाल सिंह ने कहा कि अगले माह 3 और 4 सितंबर को जिला मुख्यालय स्थित राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सभागार में इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश और दुनिया की मशहूर फिल्मों को दिखाया जाएगा। इस दौरान देश भर से आए तमाम दिग्गज फिल्मकार और सिनेप्रेमी मौजूद रहेंगे। 

 वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर डॉ. रमाकांत राय ने कहा कि चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की थीम इस बार सिनेमा और टूरिज्म को रखा गया है। चंबल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से इस बार भी के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल विश्व के फिल्मकारों और सिने-प्रेमियों के बीच एक सेतु बनेगा। चंबल की स्थानीय जगहों को लोकप्रिय बनाना है तो फिल्मों की शूटिंग को आसान बनाना होगा, तभी विलेज टूरिज्म को बढ़ावा मिल सकेगा। 


चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना जोर देते हुए कहा कि सिनेमा और पर्यटन में तालमेल बनाने के लिए सभी को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। हमें इन पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार करने के लिए सिनेमा जैसे सशक्त माध्यम की लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहिए। यहाँ के प्राकृतिक आकर्षण वाले स्थलों, संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने का मौका मिल सकेगा। जिससे स्थानीय, अंतरराज्यीय, अंतरराष्ट्रीय पर्यटक चंबल की सैर को आकर्षित होंगे। यहां के सुंदर स्थलों, संस्कृतियों, परंपराओं, जन जीवन को सिनेमा जैसे रचनात्मक और शक्तिशाली माध्यम के रूप में वैश्विक दर्शकों तक पहुंचें, यही चाहत है। 


 


के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए चंबल परिवार से जुड़े चन्द्रोदय सिंह चौहान ने कहा कि 3 सितंबर को उद्घाटन सत्र के बाद दो दिवसीय आयोजन में फोटो प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर मेकिंग, रंगोली कंपटीशन, फिल्म मेकिंग वर्कशाप, फिल्म प्रदर्शन और विमर्श सत्र होंगे।


प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष दिनेश शाक्य ने कहा कि सदियों से उपेक्षित बागियों की शरणस्थली चंबल घाटी के खूबसूरत बीहड़ फिल्मकारों की पहली पंसद रहे है। इन बीहड़ों में चंबल, बीहड़, बागी पृष्ठभूमि पर सैकड़ों फिल्में बन चुकी हैं। एक दौर ऐसा भी आया जब देश में बनने वाली हर चौथी फिल्म की कहानी या लोकेशन चंबल घाटी रही है। इसी वजह से चंबल घाटी को ‘फिल्मलैंड’ भी कहा जाता है। 


खूबसूरत लोकेशनः चंबल घाटी में कई प्राकृतिक लोकेशन बहुत ही दिलचस्प और आकर्षक हैं जो फिल्मी पर्दे पर जान डाल देने के लिए काफी है। पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा की नैसर्गिक सुंदरता विदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों को भी मात देती है। चांदी की तरफ चमकते रेतीले मैदान, अंगड़ाई लेते घड़ियाल, करतब दिखाती डाल्फिने, कल-कल बहने की मधुर तरंग, प्राचीर किले और मंदिर, सिहरन पैदा करते भरखे, कलरव करते नभचर सिनेमाई पर्दे पर जान फूंकने के लिए काफी हैं। प्रकृति से वरदान मिली इन धरोहरों को आज ना केवल सुरक्षित रखने की जरूरत है बल्कि उसको लोकप्रिय भी बनाना हमार फर्ज है। अगर चंबल घाटी में वैश्विक पर्यटन को आकाश मिलता है तो विकास के नये आयामों का सृजन होगा। साथ ही रोजगार की नई-नई संभावनाओं के द्वार खुल सकेंगे।


 


घाटी में बने फिल्म सिटीः इन सबके बावजूद चंबल घाटी में फिल्मसिटी आज तक नहीं बन सकी। पीले सोने यानी सरसों की नैसर्गिक सुंदरता कश्मीर की वादियों को कई मायनों पर टक्कर देती है। इस लिहाज से चंबल का कोई सानी नहीं है। प्राकृतिक तौर पर बेहद आंनदमयी चंबल घाटी को फिल्मलैंड के रूप मे स्थापित कर नये फिल्मकारों के लिए एक नया रास्ता खोला जा सकता है। अगर फिल्मसिटी चंबल घाटी में बन जाती है तो फिल्मकारों को शूटिंग के लिहाज से बहुत ही उपयोगी होगी क्योंकि यहाँ की वादियाँ बहुत ही सुकूनदेह हैं। चंबल फाउंडेशन लंबे अरसे से यहाँ फिल्म सिटी बनाने की मुहिम चला रहा है साथ ही के. असिफ पर डॉ. टिकट जारी करने और उन्हें पद्म विभूषण देने की मांग करता रहा है।


 


चंबल घाटी में बने फिल्म स्कूलः मुगले आजम जैसी यादगार फिल्म बनाकर विश्व सिनेमा में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले इटावा में जन्मे महान फिल्म निर्देशक के. आसिफ के नाम से फिल्म स्कूल की स्थापना हमारी वर्षों पहले से मांग रही। क्योंकि पुणे और कोलकाता के बाद पूरे उत्तर भारत में सरकारी सिनेमा स्कूल नहीं है। लिहाजा बगैर देर किये पश्चिम और पूरब को जोड़ने के लिए चंबल में सिनेमा स्कूल बनाया जाना निहायत जरूरी है ताकि यहां से हर वर्ष के. आसिफ की विरासत को आगे बढ़ाने वाले फिल्मकार पढ़कर निकलें।


इस अवसर पर चंबल इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल आयोजन समिति से जुड़े खान अजहर फैयाज, प्रेस क्लब इटावा महामंत्री विशुन चौधरी,डॉ. कमल कुमार कुशवाहा, मनोज कुमार ने भी अपनी बात रखी। 

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

सीएम सिटी में सात लाख रकम की सेंधमारी सात दिन बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर

> 12-13 अगस्त की रात जंगल धुषण स्थित सुशांत सिटी में चोरों ने सात लाख नगदी सहित जेवरात की, कि थी चोरी

> सीसी कैमरे में कैद है चोर, पुलिस संदिग्ध से कर रही है पूछताछ, आरोपी कालोनी में टेलीफोन से भी किये है फोन पर बात

                                                            Photo: Shivakar Giri

Gorakhpur: जंगल धूषण स्थित सुशांत सिटी में मकान बनवाकर रह रहे रविन्द्र गिरि के घर हुई तीन लाख पचास हजार नगदी सहित करीब  सात लाख की चोरी घटना में सात दिन बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वहीं पुलिस को कालोनीवासियों ने सीसी फुटेज समेत कई संदिग्ध जानकारियां शेयर किए है.

रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर रविंदर गिरि परिवार समेत अपने पैतृक गांव ग्राम मझाउवा, तहसील तमकुहीराज, कुशीनगर गए हुए थे, इस दौरान 12- 13 अगस्त की रात चोरों ने उनके घर खंगाल ले गए. घटना की जानकारी होने के बाद परिजनों ने 13 अगस्त को थाना पिपराइच में एफआईआर दर्ज कराया है, कालोनीवासीयो ने बताया कि घटना की सीसी कैमरे की फुटेज पुलिस को मुहैया कराया गया है, जिसमे तीन आरोपी दिख रहे है जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है. आरोपी टेलीफोन पर भी बात करते दिख रहे है, उन्होंने बताया कि फुटेज देखने के बाद दो आरोपियों की पहचान हो चुकी है जो अभी घर से फरार चल रहे है. पुलिस अलग अलग कई एंगल से जांच कर रही है, तमाम तरीका आजमाने के बाद भी अभी पुलिस चोरों तक नहीं पहुंच सकी है.

बुधवार, 17 अगस्त 2022

कम्हरिया घाट पुल का आज सीएम करेंगे उद्घाटन

अम्बेडकरनगर। 193 करोड़ की लागत से बने 1412 मीटर लंबे पुल पर गुरूवार से शुरू होगा आवागमन, आलापुर तहसील क्षेत्र के सरयू नदी पर बने पुल का आज CM योगी आदित्यनाथ करेंगे उद्घाटन, गोरखपुर जनपद की सीमा में गुरूवार दोपहर बाद करेंगे उद्घाटन, गोरखपुर-अम्बेडकरनगर जनपद को जोड़ता है कम्हरिया घाट पुल, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संतकबीरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली व प्रयागराज जैसे जिलों की होगी गोरखपुर से कनेक्टविटी, पुल के निर्माण से गोरखपुर और प्रयागराज के बीच लगभग 80 किलोमीटर की दूरी हुई कम, CM योगी के दौरे को लेकर अम्बेडकरनगर प्रशासन जगह-जगह साफ सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को अलर्ट पर है.

16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल संपन्न, ऐतिहासिक रहा आयोजन

  अवाम का सिनेमा - कई देशों की फिल्मों का प्रदर्शन - अन्य कई कार्यक्रम भी हुए आयोजित अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्म...