आपदा में हेल्थ: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर अभी ख़त्म नहीं हुआ है कि एक्सपर्ट्स तीसरी लहर की चेतावनी भी दे रहे हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में तीसरी लहर भी आएगी, जो खासतौर से बच्चों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि आने वाले कुछ महीनों में ज्यादा से ज्यादा वस्यकों को वैक्सीन लग जाएगी, वहीं बच्चों को वैक्सीन न लगने की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. बच्चों के लिए इस वक्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. अभी तक के अनुभवों से पता चला है कि कोरोना वायरस बहुरुपियों की तरह अलग-अलग रूपों में वार करता है. आशंका जताई जा रही है कि बच्चों में इसका संक्रमण बड़े-बुजुर्गों की अपेक्षा अलग रूप में होगा.
ऐसे में अब मुख्य प्रश्न यही है कि कोरोना की तीसरी घातक लहर में बच्चों को कैसे बचाएं. माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता स्वयं से ज्यादा बच्चों को संक्रमण से बचाने की है. बच्चे अभी तक घरों में रह रहे हैं. ऐसे में बच्चों में संक्रमण अभी तक निम्नतम स्तर पर ही हुआ है. परंतु तीसरी लहर में मुख्य रूप से नवजात शिशुओं से लेकर किशोर वयस्क (14 से 15) साल तक के बच्चों में संक्रमण ज्यादा होने की संभावना है. क्योंकि इस आयु वर्ग के बच्चे अभी तक कोरोना की वैक्सीन से अछूते रहे हैं. पूर्व के अनुभवों से यही पता चला है कि बच्चों की इम्युनिटी का उच्च स्तर ही उन्हें संक्रमण से सुरक्षित रख सकता है. बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता उच्च बनाए रखने के लिए मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है.
1. खान-पान : बच्चों के खान-पान में पोषण की मात्रा भरपूर हो. बच्चे खाने से कतराते हैं, इसलिए खाना सुपाच्य और आकर्षक हो. भोजन में प्रोटीन, कैलोरी और कॉर्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में हो.
प्रोटीन : दूध, पनीर, अंडा, दालें और न्यूट्रिला बच्चों को अवश्य दें. कुछ बच्चे दाल नहीं खाते हैं. ऐसे में इनको आटे में भरकर कचौड़ी, टिक्की या कटलेट बनाकर दें. बेसन का चिला या पनीर पकौड़ा बनाकर दे सकते हैं.
सब्जियां : रंगीन सब्जियों का अधिक प्रयोग करें, जैसे कि गाजर, चुकंदर, खीरा और ककड़ी. ये फाइबर के साथ हमारे शरीर को हाइड्रेट करता है. बीच-बीच में नीबू पानी बच्चों को दें. बच्चे पत्ते वाली सब्जियों को पसंद नहीं करते, इनको आटे में सानकर रोटी या पराठा बनाकर दें.
फल : रंगीन फलों का प्रयोग करें, जिसमें विटामिन प्रचुर मात्रा में होता है, जैसे- अनार, सेब, संतरा, अमरूद और नाशपाती. मौसमी फल जैसे तरबूज और खरबूज खिलाएं. यदि बच्चे फल न खाएं तो शेक बनाकर दें.
सूखे मेवे : यदि बच्चे सूखे मेवे न खाएं तो मेवे को रात में पानी में भिगोकर पीसकर दूध में पकाकर हल्दी और शहद डालकर दें. ये बहुत ही पोषक तत्व से भरपूर होगा.
2. साफ-सफाई : व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ ही घर में साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है. बच्चों को साबुन से दिन में हर घंटे हाथ धुलने के लिए प्रेरित करें. इसके अलावा घर में ज्यादा छूने वाली चीजें जैसे डायनिंग टेबल, दवाएं या बाथरूम की टोंटी आदि जगहों को बराबर साफ करते रहें. घर के बड़े लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह स्वयं को संक्रमण से मुक्त रखने की कोशिश करें. यह न समझें कि तीसरी लहर सिर्फ बच्चों के लिए ही घातक है. घर के सभी सदस्य वैक्सीन लगवा लें, क्योंकि बड़े लोग ही बाहर से संक्रमण लेकर आएंगे. बच्चों को मास्क लगाना बताएं. यदि एन95 मास्क नहीं है, तो दो मास्क लगाएं.
3. व्यायाम और खेलकूद : माता-पिता बच्चों को व्यायाम के लिए प्रेरित करें. यदि माता-पिता बच्चों के साथ में ही योग करें तो वे ज्यादा प्रेरित होंगे. कोरोना काल के दौरान बच्चे घर के अंदर खेले जा सकने वाले खेल खेलें.
सौरभ विभूषण
डाइटिशियन
एसजीपीजीआई, लखनऊ
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