मसकनवा: चिराग से किराने के दुकान में आग लगने से लाखों का हुआ नुकसान। दुकान में रखे खाने पीने की वस्तुएं जलकर हुआ राख। स्थानीय लोगों के द्वारा आग पर पाया काबू।
आपको बता दें कि मसकनवा अयोध्या मार्ग पर सहकारी गन्ना समिति के सामने शुक्रवार की शाम दिनेश गुप्ता की पत्नी जब चिराग जलाकर घर से बाहर आयीं तो ये नही पता था कि जो चिराग़ उन्होंने जलाया था उसी से उनका घर जलकर राख हो जाएगा। दुकानदार दिनेश गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को दुकान में आग लगने से दुकान के अंदर रखे लगभग आठ हजार रुपये, आटा, चावल बिस्किट, चीनी, चाय, नमकीन, टॉफी, पीने के योग्य कोल्डड्रिंक,सहित अन्य कई कीमती वस्तुएं जल गए।
शनिवार, 24 जुलाई 2021
मंगलवार, 20 जुलाई 2021
ब्लाक प्रमुख अनिल पासवान ने क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ ली पद एवं गोपनीयता की शपथ, कहा विकास की बहेगी गंगा
मसकनवा:गोंडा। ब्लाक मुख्यालय छपिया में नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सांसद कीर्तिवर्धन सिंह राजा भैया और विशिष्ट अतिथि विधायक प्रभात वर्मा की उपस्थिति में नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख अनिल कुमार पासवान को जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सांसद कीर्तिवर्धन सिंह राजा भैया ने कहा कि युवा नेतृत्व से विकास होगा। अपने परिवार की खुशी सबसे बड़ी होती है। विधायक प्रभात वर्मा ने प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। ब्लाक प्रमुख ने नवनिर्वाचित वी डी सी सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। विधायक प्रभात वर्मा ने नव निर्वाचित ब्लाक प्रमुख ने कहा कि नई सोच और नई ऊर्जा के साथ विकास कार्य होगा।
पाण्डेय, शैलेन्द्र पाण्डेय, रवि त्रिपाठी,भूपेश मिश्रा, राकेश वर्मा, दिनेश बाबू, मनमोहन, बृजेश प्रताप नारायण सिंह,अभिमन्यु पटेल, संचालक गया लाल यादव राजन सिंह, संतोष गुप्ता, तिलक राम भारती, अवधेश मिश्र, जगदीश पटेल, राम कुमार गुप्ता, अम्बिका साहू, यशवंत सिंह, डॉ अनिरुद्ध त्रिपाठी, विष्णु सिंह, राम मूरती वर्मा, अंकित तिवारी, डां विजय बहादुर सिंह, नीतू, कुमकुम तिवारी, मंजीत, रघुनंदन पाडेय, सुधीर तिवारी, श्याम बाबू गुप्ता, रिंकू वर्मा रहे।
रविवार, 18 जुलाई 2021
नहर कटने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न, अधिकारी मौन
मसकनवा: गोंडा। जनपद के मनकापुर विकासखंड के जगन्नाथपुर- गडरही से निकली हुई सरयू नहर खंड 4 के जगदीशपुर रजवाहा की माइनर कट जाने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है. वही संबंधित विभाग के अधिकारियों को जब ग्रामीणों द्वारा फोन किया जाता है तो उनके फोन बजते तो जरूर हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता है. किसानों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. मोदी सरकार किसानों के प्रति अपना रुझान दिखाती है तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हैं. कोरी कल्पनाओं से परे सरकार के वादे सिर्फ दिखावे साबित हो रहे हैं. हकीकत इन वादों से काफी दूर है. माइनर के कट जाने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है.
दरअसल यह पहला मौका नहीं है कि इससे पहले भी गर्मियों के सीजन में नहर कटान से किसानों की फसल जलमग्न हो गई थी. साल में ना जाने कितनी बार नहर कटती है और किसानों की फसल जलमग्न होती है. किसान हताश होकर अधिकारियों के यहां चक्कर लगाता है, लेकिन नतीजा शून्य रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात नहर कट गई. रविवार सुबह जब किसान खेत पर गए तो देखा कि खेतों में पानी भरा था, जिससे धान की पौध डूब गई है. खेत तो खेत ही अब तो घरों में पानी भरने उम्मीद ज्यादा दिखने लगी विभागीय लोगों को फोन कर इसकी सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा है.
किसान नेबुलाल ने बताया कि नहर कटने से उनका खेत पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. धान की पौध पूरी तरह से खेत में डूब चुकी है.. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन समय पर इसे बंद नहीं किया गया है. उन्होंन बताया कि सुबह उठकर देखा तो पानी बह रहा था. रात में माइनर कटी है, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हुआ है.
बुधवार, 14 जुलाई 2021
धरना प्रदर्शन: सपा का तहसील स्तरीय धरना कल, देंगे राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन
मसकनवा: गोण्डा। मिशन-2022 की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी पूरी तरह चुनाव मोड में आ गयी है। पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद अब पार्टी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बनाया है। इसके तहत पार्टी चुनाव में धांधली, भ्रष्टाचार, किसानों के उत्पीड़न और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर 15 जुलाई को तहसील मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी। गौरा विधानसभा क्षेत्र के संजय कुमार विद्यार्थी के नेतृत्व में ख़ालेगाव समाजवादी पार्टी कार्यालय में बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की।
पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संजय कुमार विद्यार्थी ने कहा कि भाजपा ने पंचायत चुनाव में धांधली कर जीत हासिल की। इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। किसानों व दलितों पर खुलेेआम अत्याचार किये जा रहे है। सरकार के इशारे पर दलितों के घर तोड़े जा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग आरक्षण में कटौती की साजिश की जा रही है। इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, दलित अत्याचार रोकने, किसानों के हितों की रक्षा व ओबीसी आरक्षण में कटौती न करने आदि मांगों को लेकर 15 जुलाई को समाजवादी पार्टी धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपेंगे। समाजवादी पार्टी मांग करेगी कि इन जनविरोधी सरकार पर अंकुश लगाया जाय।
सपा नेता अंबुज त्रिपाठी ने कहा कि बढ़ती मंहगाई, नौजवानों की बेरोजगारी, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, भाजपा सरकार की पहचान बन चुकी है। सरकार द्वारा कराये जा रहे संगठित अपराध अविलम्ब बंद होने चाहिए। किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए तो कानूनी रुप से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारन्टी होनी चाहिए। गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपए का बकाया भुगतान किया जाय। किसान विरोधी कृषि कानूनों की तत्काल वापसी हो। डीजल-पेट्रोल-रसोई गैस, बीज, कीटनाशक दवाओं की मंहगाई पर रोक लगाने के साथ ही ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया जाय। इन सभी मांगों को लेकर पार्टी सड़क पर उतरेगी।
इस दौरान नीरज पांडेय, घनश्याम पांडेय, मनीष त्रिपाठी, राजेश वर्मा , हर्ष चौधरी, राहुल मोदनवाल, अनिल, सुनील, अभिषेक आदि लोग मौजूद थे।
रविवार, 11 जुलाई 2021
तेज बारिश से किसानों के खिले चेहरे, धान की रोपाई हुई तेज
मसकनवा: गोंडा। करीब एक हफ्ता से बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों दिखने लगी थी। बढ़ती डीज़ल की कीमतों से किसान बेबश और लाचार बना दिया। मजबूर होकर किसानों को मंहगे दामो पर डीजल खरीद कर धान की रोपाई करनी पड़ रही थी। रविवार को इंद्रदेव ने किसानों की प्रार्थना को स्वीकार कर कर लिया। रविवार को पूरे दिन झमाझम बारिश हुई किसानों के साथ-साथ आम लोगो को भी उमस भरी तेज गर्मी से राहत मिली। खेती किसानी का काम तेजी से लोग करने लगे। खेत में लगे बीड़न को उखड़ने लगे। अरहर, तिल उरद, मक्का, जइ आदि फसलो की बुआई के लिए खेतो की तैयारी की वही खेत में पानी भरने से धान की रोपाई में तेजी आ गई। लगातार हुई तेज बारिश से सड़कों पर जलभराव की स्तिथि हो गई।
शनिवार, 10 जुलाई 2021
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष में नारियल पानी पिलाकर खत्म कराया, किसान उपवास
घारीघाट-गोंडा। गौरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसान उपवास स्थल घारीघाट पर पहुच कर । किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तरुण पटेल का लगातार चल रहे 27 दिनों का किसान उपवास नारियल पानी पिलाकर खत्म कराया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये भाजपा की सरकार तानाशाहों की सरकार है। कहा कि दिल्ली में तीन किसान कानूनों को लेकर सात माह से किसान आंदोलन कर रहे है। लेकिन ये सरकार किसानों को बिल्कुल सुनने को तैयार नही है। वही उन्होंने कहा कि किसान खेतों फसल लगाता तो जरूर है लेकिन काटता कोई और है। छुट्टा जानवरों ने फसल को पूरी तरह से नष्ट कर रहे है। लोग आए
दिन रोड पर जानवरों टकराकर अपनी जान भी गवां रहे है। जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि घोर महंगाई से जनता त्रस्त है। खराब सड़के, कानून व्यवस्था और जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल किया। प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी,प्रदेश सचिव कौशल त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष वीरेंद्र पटेल, प्रदेश सचिव सच्चिदानंद पांडे,जिला प्रभारी दुर्गविजय सिंह मान ,धनीराम पटेल, पंकज चौधरी,सत्येंद्र दुबे,मेहीलाल मौर्य, शिवपूजन गौड़,राम सिंह वर्मा सहित बस्ती,सिद्धार्थनगर,बलरामपुर,बहराइच,श्रावस्ती,फैज़ाबाद,बाराबंकी,लखनऊ ,कानपुर,गोरखपुर आदि जनपदों के लगभग हजारों कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे।छपिया में अनिल पासवान निर्विरोध ब्लाक प्रमुख निर्वाचित
मसकनवा: गोंडा। विकास खंड छपिया में गुरुवार को ब्लाक प्रमुख पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के समर्थित प्रत्याशी अनिल कुमार पासवान उर्फ़ (नीलू पासवान) ने अकेले नामांकन दाखिल किया था। जिसमें छपिया आरओ देवेन्द्र मणि ने उन्हें शनिवार को निर्विरोध विजेता घोषित किया। उन्होंने बताया कि 6 बीडीसी सदस्यों ने कुल 20 पर्चे खरीदे
थे। जिसमें अनिल कुमार पासवान ने अकेले नामांकन किया था। एकल प्रत्याशी के नामांकन से छपिया का प्रमुख पद निर्विरोध चुना गया है। वही अनिल पासवान को निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुने जाने पर सांसद कीर्तिवर्धन सिंह राजा भैया, महेश तिवारी, पूर्व प्रमुख बाबू राम यादव, दिनेश शुक्ल, कमलेश पाण्डेय, जितेन्द्र पाण्डेय, दिनेश बाबू, मनमोहन, ने ख़ुशी जताया है। इस मौक़े पर डॉ विजय बहादुर सिंह, जसवंत सिंह, राम मूरती वर्मा, राजन सिंह, राम जी श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
बुधवार, 7 जुलाई 2021
किसान नेता तरुण पटेल का किसान उपवास 24वें दिन भी जारी, शासन प्रशासन मौन
मसकनवा:गोंडा। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तरुण पटेल अपने घारीघाट आवास पर 14 जून सोमवार से निरन्तर किसान उपवास पर हैं। उन्होंने बुधवार प्रेस वार्ता में बताया कि उपवास का आज 24वां दिन है। यह उपवास किसान हितों की रक्षा के हितों संरक्षण के लिए एवं 200 दिनों से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में है। यह किसान उपवास अनवरत अनिश्चितकाल के लिए जारी है। उन्होंने कहा कि किसान उपवास तब तक चलेगा जब तक जिम्मेदार लोग नीति निर्धारक लोग किसान हितों में सही फैसले नहीं लेंगे। पशुधन की बर्बादी, फसलों की बर्बादी, फसलों का उचित दाम ना मिल पाना, गांव-गांव गरीब का आम इंसान का आवारा पशुओं से चोटिल हो जाना खेतों में लगी हुई फसल का आवारा पशुओं के द्वारा बर्बाद की जाने की समस्या आवारा पशुओं के द्वारा मारे जाने से तमाम लोगों की मृत्यु हो जाना गन्ने का उचित दाम ना मिल पाना। किसानों से जुड़ी हुई तमाम समस्याओं और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए यह उपवास किया जा रहा है।
रविवार, 4 जुलाई 2021
व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बनाए गए, गोविंद जयसवाल
मसकनवा गोंडा। विकास खंड छपिया स्थित जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी कार्यालय पर जिलाध्यक्ष डॉ श्याम नारायण वर्मा की अध्यक्षता में पार्टी पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ता गण के साथ रविवार को एक बैठक कर पार्टी में आस्था रखने वाले गोविंद जायसवाल को सक्रिय सदस्य बनाते हुए उन्हें व्यापारी प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया साथ ही प्रतापगढ़ जिले के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती माधुरी पटेल को बधाई एवं मिठाई एक दूसरे को खिलाकर खुशी जाहिर की। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए
कार्यकर्ताओं में उत्साह की भावना प्रफुल्लित हुई पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत के साथ उतरने हेतु संकल्पित है।
इस मौके पर जिला प्रधान महासचिव विजय विक्रम सिंह, विधि प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार पाण्डेय, जिला सचिव जगन्नाथ पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष छपिया विनीत पांडेय, उमेश पांडेय, सीएल वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
शुक्रवार, 2 जुलाई 2021
चौरी चौरा विद्रोह के नायक: अब्दुल्लाह (शहादत दिवस 3 जुलाई)
राजधानी: गोरखपुर। प्रारंभ में चौरी- चौरा विद्रोह को सम्मानित करने के बजाय उसे उपेक्षित किया गया।राष्ट्रीय आंदोलन की पहली घटना है जो अंग्रेजो के खिलाफ जबर्दस्त प्रतिकार थी।चौरी - चौरा विद्रोह एक अभूतपूर्व घटना थी जिसमे विद्रोहियों ने चौरी- चौरा थाने में आग लगाकर 24 ब्रिटिश हुकूमत के सिपाहियों को जिंदा जला दिया था।
इतिहास की कमजोरियों और चालाकियों के कारण बलिदानियों के शौर्य को कम आंका गया।
इस आंदोलन के नेतृत्व कर्ताओ में एक थे गोरखपुर जनपद के ब्रह्मपुर ब्लॉक के राजधानी गांव निवासी 40 वर्षीय चुडीहार अब्दुल्लाह।
अब्दुल्लाह टोकरी में कांच की चूड़ियां लेकर गांव- गांव बेचते थे! जिससे उनका जीविकोपार्जन होता था।
गोरखपुर और आसपास में जब असहयोग आंदोलन की चर्चा शुरू हुई तो अब्दुल्लाह उसमे भाग लिए बिना नहीं रह सके।फ़रवरी 1921में गांधी जी का भाषण सुनने भगवान अहीर,विक्रम और नजर अली के साथ गोरखपुर गए थे।
अब्दुल्लाह इसके बाद जल्द ही पत्नी तीलिया और 2-3 साल के बेटे रसूल को छोड़कर लगभग 40 साल की उम्र में अहमदाबाद कमाने चले गए ।
दिसम्बर 1921में वहां कांग्रेस अधिवेशन में स्वयं सेवक के रूप में मुस्लिम मेस में काम किया था।
अब्दुल्लाह अधिवेशन में हुई चर्चा से प्रभावित थे।वहीं उन्हें रूसी क्रांति और मजदूरों किसानों के राज्य की स्थापना की जानकारी मिली।
मजदूर किसान के राज का स्वप्न लिए अब्दुल्लाह अपने गांव राजधानी आए।
यह वही दौर था जब देश में गांधी जी के असहयोग आंदोलन के समर्थन में लगातार असहयोग कर रहा था।
विद्रोही विक्रम अहीर,भगवान अहीर और कोमल अहीर पहलवान थे।उस दौर के 40-50 किलोमीटर के पहलवानों में आपसी सम्बन्ध थे।डूमरी खुर्द के अखाड़े को नजर अली चलाते थे।
सहुआकोल के कोमल पहलवान चौरी चौरा विद्रोह के समय थाने में थे।इस विद्रोह के बाद इनकी भी गिरफ्तारी हुई थी।कोमल पहलवान पहले व्यक्ति है जो जेल से भागने में सफल हो गए लेकिन पुनः गद्दारों की मुखबिरी के बाद इनकी गिरफ्तारी हो गई। 1924 के गर्मियों में इनकी फांसी हो गई।80 वर्षीय कॉमरेड पुरुषोत्तम त्रिपाठी गोरखपुर में 1920 में हुए ग्वाल विद्रोह को चौरी - चौरा विद्रोह का एक कारक मानते है।अब्दुल्लाह और कोमल की अपने अपने इलाके के जमींदारों से अदावत थी।ये लोग सामंतों के उत्पीड़न के शिकार थे।
सजा ए मौत के बाद अब्दुल्लाह अपने गांव के जमींदारो के ऊपर विद्रोह में फसाने का आरोप लगाते हुए मर्शी अपील किए थे।गांव के जमींदार पर पहली पत्नी के कब्र खोदने का आरोप लगाए थे।इन सब बातों से प्रतीत होता है कि अब्दुल्लाह और कोमल सर्वहारा नेता थे जो आम आदमी की सामंती उत्पीड़न से भी मुक्ति चाहते थे।
कोमल पहलवान का आना जाना राजधानी के गोकुल अहीर और ठाकुर अहीर के वहां था।चौरी- चौरा के आसपास के पहलवानों से कोमल पहलवान का अच्छा संबंध था।स्थानीय लोगों का मानना है कोमल इस विद्रोह के प्रमुख किरदार दे जिनका अब्दुल्लाह के गांव राजधानी आना जाना था।यह सम्भव है कि उनका सम्बन्ध अब्दुल्लाह से रहा हो।कोमल पहलवान के गांव के रिटायर्ड प्रिंसिपल आर एस दुबे बताते है कि कोमल पहलवान स्थानीय जमींदारों से लोहा लिए थे।ब्रिटिश हुकमत का जमींदारों के गठजोड़ का नतीजा रहा कि विद्रोह के बाद कोमल का घर ब्रिटिश हुकुमत ने जमींदोज कर दिया था।श्री दुबे आगे बताते है कालांतर में उनके परिजन चैनपुर गांव में बस गए।
असहयोग आन्दोलन के प्रारंभ में स्वयं सेवकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी।लाल मोहम्मद ,नजर अली ,भगवान अहीर सबसे पहले नेशनल वालिंटियर बन गए थे। राजधानी मंडल के अध्यक्ष अब्दुल्लाह थे।13 जनवरी,1922 को डूमरी खुर्द में मण्डल स्थापना के बाद दूसरी मीटिंग 4 फरवरी शनिवार को हुई।
भगवान अहीर की थानेदार गुप्तेश्वर सिंह से पिटाई के बाद स्वयं सेवक बहुत आहत थे।
विद्रोहियों की भीड़ 4 फरवरी को दोपहर 1 बजे किसानों के नेतृत्व में दो हजार से ज्यादा गांव वालों ने थाने को घेर लिया।ब्रिटिश सत्ता के लंबे अपमान और उत्पीड़न की प्रतिक्रिया में उन्होंने थाना भवन में आग लगा दी। जिसमें छुपे 24 सिपाही जल कर मर गए।
उसके बाद ब्रिटिश हुकमत ने जबरदस्त तांडव शुरू हुआ।फिर एक - एक करके विद्रोही गिरफ्तार हुए।
आदालती कार्यवाही के बाद 19 लोगो को सजा ए मौत के बाद विभिन्न जेलों में फांसी दे दी गई। कई एक को विभिन्न सजाए हुई।
मुकदमा अब्दुल्लाह व अन्य बनाम ब्रिटिश हुकमत के नाम से चला। राजधानी निवासी अब्दुल्लाह के गिरफ्तारी के समय उनके बेटे रसूल की उम्र 4-5 साल की थी।पत्नी तीलिया की आंखो की रोशनी धीरे- धीरे चली गई। उनका और घर परिवार का जबर्दस्त उत्पीड़न हुआ।
अब्दुल्लाह की फांसी बाराबंकी के जिला कारागार में 3 जुलाई 1923 को प्रातः 6 बजे हुई थी।
राष्ट्रीय आंदोलन के महानायकों को इतिहास में विशेष जगह नहीं मिली। भगवान और रुदली केवट पेंशन भोगी सैनिक थे।ये दोनों प्रशिक्षित थे कारसेवकों को प्रशिक्षित करते थे। जब इतिहास सच्चे नायकों के साथ न्याय नहीं करता है तो लोक अपने नायकों को खुद सम्मानित करता है ।डूमरी खुर्द में आज भी मोहरम के गीतों में महिलाएं नजर अली और विक्रम की कुर्बानी को याद करती हैं ।
इसी प्रकार शिक्षक योगेन्द्र यादव जिज्ञासु' ने वर्ष 2008 में विभिन्न स्रोतों से आंकड़े जुटाकर राम चन्द्र इंटर कॉलेज राजधानी गोरखपुर में एक एकांकी कराकर एक बार पुनः अब्दुल्लाह के कुर्बानी को याद किया ।
गुमनाम हो गए अब्दुल्लाह के नाम से अपने निजी कॉलेज में अब्दुल्लाह कक्ष और उनके टोले का नामकरण शहीद अब्दुल्लाह करने का पहल किया जिस पर गांव के , इस्राइल, कबीर,जिब्राइल नसीरुद्दीन आदि के सहयोग से टोले का नामकरण कर दिया।
शिक्षक योगेन्द्र यादव जिज्ञासु से प्रेरणा लेकर अब्दुल्लाह टोले के नौजवान मोहर्रम में अब्दुल्लाह अखाड़े के नाम से कलाबाजियां करते हैं।
अब्दुल्लाह के एकलौते रसूल की २० वर्ष पूर्व लगभग ८० वर्ष की उम्र में इंतकाल हो गया।पिता की तरह रसूल भी हिन्दू- मुस्लिम सदभाव के हिमायती थे। गांव के प्रधान छत्रधारी यादव जो एक प्रतिष्ठित कॉलेज के प्राचार्य रह चुके है कहते है --'रसूल हिन्दू तीज त्योहारों में शामिल होते थे।' सम्प्रदायिक सदभाव के मिशाल थे किसी के मृत्यु के बाद भी अंत्येष्ठि स्थल तक जाते थे। रसूल बातचीत में अक्सर अपने पिता की कुर्बानी को याद करते थे।अब्दुल्लाह की पत्नी तिलिया की की मौत भी लगभग ८० साल की उम्र में हो गई।
चौरी चौरा विद्रोह के बाद तीलिया ३-४ साल के पुत्र रसूल को लेकर दर दर भटकती रही।ब्रिटिश हुकूमत ने जमकर तांडव किया।
बाराबंकी जेल में फांसी होने के बाद तीलियां बाराबंकी गई थी लेकिन शहीद की लाश अपने गांव न ला सकी।
अब्दुल्लाह की पौत्री सबूतर निशा सरकारी उपेक्षा की शिकार है ।आज भी गांव - गांव घूमकर चूड़ी बेचकर अपने बड़े परिवार का खर्च चलाती है।उनके पति शहादत ठेला चलाते है।देश पर मर मिटने वाले सच्चे वीरो के परिजन को भूख का भय सताता रहे उपेक्षा इंतहा तक हो तो सरकारी तंत्र पर सवाल तो निः संदेह उठेगा।
चौरी -चौरा विद्रोह पर पहली पुस्तक कॉमरेड राम मूर्ति ने 1982 में लिखी तब से लेकर अब तक चौरी- चौरा विद्रोह पर 4 पुस्तके प्रकाशित हुई।सब ने अब्दुल्लाह समेत सभी बलिदानियों के शौर्य पर प्रकाश डाला है।
वर्ष 2014 में इतिहासकार सुबाष कुशवाहा ने चौरी - चौरा कांड पर एक प्रामाणिक शोध परक , विस्तृत पुस्तक लिख कर इस विद्रोह को समझने मेंआसानी कर दी।खोजी पत्रकार शाह आलम पिछले 5 वर्ष से अवाम के सिनेमा बैनर तले चौरी - चौरा विद्रोह पर काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय आंदोलन में चौरी चौरी विद्रोह ने सर्वाधिक हस्तक्षेप किया।यह विद्रोह देश के आजादी के लिए निर्णायक रहा।
प्रदेश सरकार क्रांति की शताब्दी वर्ष मना रही है इसी क्रम में क्रांति के नायक अब्दुल्लाह के गांव में राम चन्द्र यादव कॉलेज में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम करके जन विद्रोह के नायकों को याद किया गया।
योगेन्द्र यादव जिज्ञासु
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